Saturday, September 9, 2017

Sad Shayari

जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह....!" ए खुदा
"फिर क्यू सिर्फ मेरा ही दिल तडफता है उस के लिये...

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अब मत खोलना मेरी जिंदगी की पुरानी किताबों को जो था
वो मैं रहा नहीं जो हूँ वो किसी को पता नहीं.....

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रचा के ढोंग उल्फ़त का "हवस" दिल की बुझाते है ,
हवस का नाम दुनिया ने बदल के "इश्क" रखा है !!

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ये नजर-नजर की बात है कि किसे क्या तलाश है,
 तू हंसने को बेताब है, मुझे तेरी मुस्कुराहटों की ही प्यास हैं…
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तलाश कर मेरी कमी को
अपने दिल में.....!!!!

दर्द हो तो समझ लेना कि   रिश्ता अभी बाकी है.

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वक़्त का सितम तो देखिए,
खुद गुज़र गया, हमें वही छोड़ कर...🙁

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