Monday, September 18, 2017

zindgi jo shesh hai wahi vishesh hai....



हजारों से रिश्ता रखना कोई कमाल नहीं है...
 एक रिश्ते को भी सच्चाई से निभाना मिसाल है...!


मांग लूंगा में तुझे तक़दीर से, क्यों की अब जी नही भरता तेरी तस्वीर से ,,



तेरी जुल्फों की शरारत जो बरसात हो गई
चन्द लमहों में  दिनं बदला और रात हो गई
तेरे रूखसार से फिसला मैं शबनम की तरह
पल भर को लगा ज़िन्दगी से मुलाकात हो गई



होंठो के बीच ना रखा करो तुम कलम को

गजल नशीली होकर , लडखडाती हुई निकलती है ।।



ख़ुशी तकदीरो में होनी चाहिए, तस्वीरो में तो हर कोई खुश नज़र आता है ..


कभी आहट, कभी खुशबू, कभी नूर से आ जाती है..
तेरे आने की खबर मुझे दूर से आ जाती है.


बिछड़ के वों रोंज मिलता हैं ख़्वाब नगर में…!!

अगर ये नींद भी ना होंती तों हम मर गये होंते…!


खुद की कीमत गिर जाती है ....🤦🏼‍♂


किसी को कीमती बना कर चाहने से


काश जिंदगी भी एक मोबाइल जैसी होती...

कम से कम अपनी परेशानी को डिलीट तो कर पाते.

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