Monday, September 18, 2017

sad shayari and wharsapp shayari.....


पलकों की हद को तोड़ कर दामन पे आ गिरा,

एक अश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया…. 🙁
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कभी कभी हाथ छुड़ाने की ज़रूरत नहीं होती...

लोग साथ रह कर भी बिछड़ जाते है...💗💗

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इश्क़
वो नीम की डाली है

जिसका

नया पत्ता ही
मीठा
लगता है...❤


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तन्हाई की सरहदें और भीगी पलकें ,

हम लुट जाते हैं रोज ....तुम्हें याद करके


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मोहब्बत का रुतबा ,
तुम क्या जानो हमदम ..!!

अगर तुम्हारी आवाज़ में दर्द है ,
तो मेरी आँखों में भी इश्क़ है ..!!


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इत्तफ़ाक़ से नहीं  मिले हम सब एक दूसरे से...

 इस में थोड़ी  बहुत साज़िश तो खुदा की भी रही होगी 💐


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ज़िन्दगी रोज़ कोई
ताज़ा सफ़र मांगती है,
और थकान शाम को
अपना घर मांगती है..

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बच्चों को पैरों पर, खड़ा करना था....

पिता के घुटने, इसी में जवाब दे गये....!!!!

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मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है...

और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा कुछ ऐसा है..

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दिन मे एक बार तो, अपने दिल की अदालत में ज़रूर जाया करें....

सुना है, वहाँ कभी गलत फैसले नहीं हुआ करते।

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हर कोई मिलता है यहाँ पहन के सच का नकाब,,

कैसे पहचाने कोई, कौन है अच्छा और कौन खराब,,,?🌹

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एक साँस सबके हिस्से से,हर पल घट जाती है ,,

कोई जी लेता है जिंदगी,, किसी की कट जाती है ।।

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✍🏻कहाँ खर्च करूँ, अपने दिल की दौलत..!!

यहाँ तो सब भरी जेबों को सलाम करते हैं..!!

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ग़लतफहमी में जीने का मज़ा कुछ और ही है.....

वरना हकीकतें तो अक्सर रुला देती है....

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