पलकों की हद को तोड़ कर दामन पे आ गिरा,
एक अश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया…. 🙁
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कभी कभी हाथ छुड़ाने की ज़रूरत नहीं होती...
लोग साथ रह कर भी बिछड़ जाते है...💗💗
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इश्क़
वो नीम की डाली है
जिसका
नया पत्ता ही
मीठा
लगता है...❤
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तन्हाई की सरहदें और भीगी पलकें ,
हम लुट जाते हैं रोज ....तुम्हें याद करके
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मोहब्बत का रुतबा ,
तुम क्या जानो हमदम ..!!
अगर तुम्हारी आवाज़ में दर्द है ,
तो मेरी आँखों में भी इश्क़ है ..!!
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इत्तफ़ाक़ से नहीं मिले हम सब एक दूसरे से...
इस में थोड़ी बहुत साज़िश तो खुदा की भी रही होगी 💐
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ज़िन्दगी रोज़ कोई
ताज़ा सफ़र मांगती है,
और थकान शाम को
अपना घर मांगती है..
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बच्चों को पैरों पर, खड़ा करना था....
पिता के घुटने, इसी में जवाब दे गये....!!!!
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मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है...
और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा कुछ ऐसा है..
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दिन मे एक बार तो, अपने दिल की अदालत में ज़रूर जाया करें....
सुना है, वहाँ कभी गलत फैसले नहीं हुआ करते।
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हर कोई मिलता है यहाँ पहन के सच का नकाब,,
कैसे पहचाने कोई, कौन है अच्छा और कौन खराब,,,?🌹
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एक साँस सबके हिस्से से,हर पल घट जाती है ,,
कोई जी लेता है जिंदगी,, किसी की कट जाती है ।।
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✍🏻कहाँ खर्च करूँ, अपने दिल की दौलत..!!
यहाँ तो सब भरी जेबों को सलाम करते हैं..!!
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ग़लतफहमी में जीने का मज़ा कुछ और ही है.....
वरना हकीकतें तो अक्सर रुला देती है....
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